आकर्षक वक्ष

सुडोल एवं आकर्षक वक्ष के लिए आयुर्वेदिक उपाय

Sex tips

महिलाओं के सौंदर्य का एक मुख्य आधार है पुष्ट और उन्नत स्तन । किसीभी स्त्री का सौंदर्य, आकर्षक वक्ष और मोहकता उसके सुडौल, स्वस्थ व उभरे हुए स्तनों में ही माना जाता  है । परंतु किन्हीं कारणों से कई युवतियों के स्तनों का आकार बहुतही ज्यादा  छोटा होता है । उनके स्तनों का वैसा विकास नहीं हो पाता जैसा कि सामान्य स्वस्थ नारी  का होना चाहिए  यह एक बीमारी भी हो  सकती है , जिसे स्तन क्षय भी  कहा जाता है  । जिन लड़कियों को स्त्रियों  को  यह रोग होता है, वे बेचारी प्रायः  एक तरह की हीन भावना से ग्रस्त भी  हो जाती हैं ।

स्तनों को बड़ा आकर्षक  और सुडौल बनाने अचूक और बेहतरीन उपाय  :

स्तनों के चारों ओर गोलाई में जैतून के तेल से दिन में दो बार, नहाने के पहले व रात में सोने से पहले दस मिनट तक मालिश कीजिए. इससे स्तन निश्चित ही  विकसित होने लगते हैं ।

गर्म-ठंडी  सेंक करने से भी वक्ष  पुष्ट होते हैं. पहले 5 मिनट तक गर्म पानी में भीगा कपड़ा,पश्चात्  5 मिनट तक ठंडे पानी में भीगा कपड़ा उरोजों पर रखें ।

रोज़ाना 3-4 कली लहसुन खाने से स्तनों का ढीलापन दूर होता है और वे बहुत ही दृढ़ बनते हैं ।

बरगद के पेड़ की लटकती डाली की नरम टहनी तोड़कर उसे छाया में सुखा लें तथा  इसे पानी के साथ पीसकर स्तनों पर लेप करने से लटकते हुए स्तनबहुत ही  पुष्ट और कड़े हो जाते हैं  । – आकर्षक वक्ष

अनार का छिलका पीसकर स्तनों पर लगातार सात दिन तक सोने से पूर्व लगाने से भी  स्तनों का ढीलापन दूर होता है.।

मेथी एक  सहयोगी जड़ी बूटी है जो स्तन वृद्धि से संबंधित है। माँ के दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए भी इसका सेवन किया जा सकता है। मेथी में मौजूद रासायनिक घटक स्तन बढ़ाने वाले हार्मोन को उत्तेजित करता है जिसके परिणामस्वरूप वक्ष के आकार में वृद्धि होती है।

लेडीज मेंटल (वानस्पतिक नाम : अल्केमिला वल्गरिस स्तन वृद्धि के लिए एक अत्यंत प्रभावी जड़ी बूटी हो सकती है। लेडीज मेंटल के सेवन से इसके कसैले गुणों के माध्यम से देशी ऊतकों में रक्त परिसंचरण में वृद्धि होगी। इसके साथ वसा जमा में वृद्धि होगी। स्तन क्रमिक रूप से वृद्धि की ओर जाता है) ।  

मूली में कसैले गुण होते हैं जो देशी ऊतकों को रक्त की आपूर्ति को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से शरीर में वसा का संतुलित वितरण होता है। मूली का  सेवन भी बहुत उपयोगी है । 

सौंफ का सेवन करें क्योंकि यह शरीर के भीतर स्टेरॉयड की खुराक की तरह काम करता है। ये दूध की मात्रा  बढ़ाने के लिए स्तनपान कराने वाली मां को भी दी जाती  हैं। अतिरिक्त सौंफ से  मासिक धर्म को नियमित करने में भी बहुत  मदद करती है। ब्रेस्ट बढ़ाने वाली ज्यादातर गोलियों में सौंफ अवशय होता है। 

सोयाबीन का पौधे की जड़  जिसे ग्लाइसिन सोया भी कहा जाता है,  यह एक अमीर आपूर्ति भक्षक सुपरमोलेक्यूल है। उच्च परिणाम के लिए इसका सेवन अवश्य  करें।

रोजाना खाने में पपीते का एक टुकड़ा जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि इसमें  कैंसर से लड़ने वाले कैरोटेनॉयड भी  होता  है। इसके अलावा कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि यह कार्सिनोमा को भी  रोकता है। भोजन करते समय पपीते का सेवन भी पाचन में मदद करता है, और सूजन, गैस उत्पादन और पेट खराब होने से भी बचाता है। – आकर्षक वक्ष

ट्रिकिकम वल्गारे शैली में एक  पोषण तेल है जो स्तन को रक्त की आपूर्ति को नियंत्रित करता है जिससे यह पूर्ण रूप से दिखता है। ट्रिकिकम वल्ग्रे स्तन के आसपास की त्वचा को कोमल और कोमल बनाने में भी मदद करता है। 

ट्रिकिकम वल्गारे ( Tricticum vulgare ) शैली में एक  पोषण तेल है जो स्तन को रक्त की आपूर्ति को नियंत्रित करता है जिससे यह पूर्ण रूप से दिखता है। ट्रिकिकम वल्ग्रे स्तन के आसपास की त्वचा को कोमल और कोमल बनाने में भी मदद करता है।

उपरोक्त उपायों का उपयोग करके उन्नत सुडोल ओर आकर्षक वक्ष प्राप्त कर सकते हैं ।

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